Wednesday, 7 May 2014

गुजरते वक्त के नाम...






गुजरते वक्त के नाम...


बड़ा अजीब लगता है न ! कभी-कभी.... 
मानो कुछ छूट सा रहा हो ,किसी चीज से हम हमेशा के लिए दूर हो रहे हो | घडी की टिक –टिक के साथ गुजरता वक्त कुछ यादों कुछ बातों कुछ विचारों को अपने साथ समेटता जा रहा हो | एक  सुंदर फूल जो कुछ दिनों से आपकी राह में हँसता-मुस्कराता मिल रहा हो उसने आज अपने जाने ,मुरझाने के संकेत दे दिए हो | जैसे किसी जगह पर चंद दिन गुजारने के बाद आज आखिरी दिन हो |
वक्त का काम ही है गुजरना और गुजरते वक्त पर ही टिकी है जिन्दगी की गति | पर कभी कभी दिल नहीं मानता ...दिल चाहता है की क्यों न हमारे चहेते पल कुछ वक्त के लिए ठहर जायं |  वक्त  ठहरता नहीं पर ये अपने जाने के साथ कुछ एहसास छोड़ जाता है हम सबके के अंदर |
ऐसे एहसास जो अलग अलग हमारे दिलो में रहते हुए हमें एक दूसरे से बांधें रखतें हैं |

अपने दिलो में एहसास जगाये रखना ,
अपने रिश्तों को यूँ ही बनाये रखना ;
वक्त का काम है चलना ये चलता रहेगा,
बस अपने चेहरों पर मुस्कराहट बनाये रखना |



विचार –दीपक





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