Thursday, 28 May 2020

प्यार में डूबी एक सुबह का मुकम्मल हो जाना ....

असह्य गर्मी के बाद
 बारिश की बूदों 
और 
ठंडी ठंडी हवावों में लिपटा सुकून । 
अपनी कल्पना में हकीकत की हद तक
मेरा तुम्हें महसूस करना।

 एक ऐसे ही सुकून भरे मौसम में
 तुम्हारा हाथ थामें दूर तक चलते जाना । 
एक दूसरे को देख के हौले से मुस्कराना और
 उस मुस्कराहट का बारिश की नन्ही नन्ही बूदों में घुलकर 
हमें अंदर तक सराबोर कर देना । 
ठंडी हवावों के आगोश में बंधे 
हमारा देर तक भीगते रह जाना । 

उस मनचली शाम का ढल जाना 
बादलों की ओट में छिपे
चाँद का निकल आना 
रात के अंधेरें में हमारा एक दूजे में 
खोकर
प्यार में डूबी एक सुबह का 
मुकम्मल हो जाना ....

~दीपक

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