Thursday, 28 May 2020

प्यार में डूबी एक सुबह का मुकम्मल हो जाना ....

असह्य गर्मी के बाद
 बारिश की बूदों 
और 
ठंडी ठंडी हवावों में लिपटा सुकून । 
अपनी कल्पना में हकीकत की हद तक
मेरा तुम्हें महसूस करना।

 एक ऐसे ही सुकून भरे मौसम में
 तुम्हारा हाथ थामें दूर तक चलते जाना । 
एक दूसरे को देख के हौले से मुस्कराना और
 उस मुस्कराहट का बारिश की नन्ही नन्ही बूदों में घुलकर 
हमें अंदर तक सराबोर कर देना । 
ठंडी हवावों के आगोश में बंधे 
हमारा देर तक भीगते रह जाना । 

उस मनचली शाम का ढल जाना 
बादलों की ओट में छिपे
चाँद का निकल आना 
रात के अंधेरें में हमारा एक दूजे में 
खोकर
प्यार में डूबी एक सुबह का 
मुकम्मल हो जाना ....

~दीपक

Saturday, 9 May 2020

कमियाँ और अच्छाइयां और ज़िन्दगी

हम इंसान हैं । हांड़-मांस के पुतले में गढ़े, भावनाओं से सिंचित। धरती की खरबों की आबादी के होते हुए भी हम, हमारा व्यक्तित्व कई मायनों में एक दूसरे से अलग है । हमारे जन्म से लेकर वर्तमान तक कई सारे पहलू हैं जो हमको प्रभावित करते हैं और दूसरे शब्दों में कहूँ तो हमारे व्यक्तित्व को आकार देते हैं । हम हर दिन अपने जीवन की होने वाली घटनाओं से बहुत सी बातें सीखते भी हैं और उनमें से बहुत सी बातें हमारे व्यवहार का निर्धारण भी करती है । हम सब कौशल, ज्ञान, किसी कार्य विशेष के लिए क्षमताओं, शारीरिक और मनोवैज्ञानिक स्थिरता की स्थिति इत्यादि में मजबूत या कमजोर, अच्छे या बुरे हो सकते है लेकिन एक सत्यता जो कभी हमारा पीछा नहीं छोड़ती वह यह है कि हम कभी पूर्ण नहीं होते । हम सबमें कुछ अच्छाइयां तो कुछ कमियां बनी रहती है । इसका मतलब ये बिल्कुल नहीं है कि हमें उन कमियों को दूर करने का प्रयास नहीं करना चाहिए इसका मतलब बस इतना सा है हमें अपनी अच्छाइयों के साथ अपनी बुराइयों को स्वीकार करना सीखना चाहिए । साथ ही साथ दूसरों के अंदर उनकी बुराइयों से परे उनकी अच्छाइयों को भी समझना और सम्मान देना चाहिए । 
किसी साथ रहने, साथ वक्त गुजारने के लिए जरूरी होता है एक दूसरे को समझना । एक दूसरे को मौके देना । अपनी किसी गलती के लिए माफी मांग लेना और औरों को माफ कर देना । प्यार की मिठास में ढेर सारी कड़वाहट घुल जाती है ..बस जरूरत होती है पहल करने की । 
~दीपक 

Wednesday, 6 May 2020

स्वाभिमान और रिश्तों का रंग ...

ज़िन्दगी में कई बार स्थितियाँ हमें  उहापोह के बीच ला खड़ा करती है । सामने कुछ रास्ते होते हैं और हम आत्मसम्मान, रिश्तों की अहमियत, और ऐसे ही न जाने कितने एहसासों से घिरा महसूस करने लगते हैं । वह आज काफी देर शांत बैठी रही । कभी पार्क की घास में अपने हाथों को ऐसे सहलाती जैसे प्यार से किसी को दुलार रहा हो और कई बार उन्हें नोचने लगती । हमेशा उसका मन पढ़ लेने वाला चिराग आज चुपचाप बस उसे देखे जा रहा था । वह समझ रहा था कि आज किसी द्वंद में घिरी मिनी रास्ते की तलाश कर रही है । अचानक उनसे चिराग को देख कुछ बोलना चाहा और  फिर सोचने लगी । थोड़ी देर बाद वह वापस चिराग की तरफ मुड़ी और बोली " अपने आत्मसम्मान, स्वाभिमान को रिश्तों के ऊपर कितनी तवज्जो देनी चाहिए चिराग ? "
एकाएक अपनी तरफ आये इस प्रश्न के लिए चिराग पूरी तरह तैयार नहीं था । वह थोड़ी देर चुप रहा । थोड़ी देर सोचने के बाद वह दूर तक जाती सड़क को देखते हुए बोलने लगा " मिनी स्वाभिमान मानव का एक गुण है, यह हमें आत्मगौरव और आत्मसम्मान का बोध कराता  है। यह ऐसा गुण है जो हमें जाग्रत करता है और अपने ऊपर भरोसा करने की शक्ति देता है । और रिश्ते, महीन धागों के समान एहसासों से जुड़े रिश्तें जीवन में रंग भरते हैं । हमें जीवन जीने का सलीका सिखाते है। रिश्ते जीवन के लिए बहुत अहम है । लेकिन जब इनमें टकराव की स्थिति आ जाय तो मेरा मानना है कि हमारे लिए सच और ईमानदारी की कसौटी पर इन्हें परखना जरूरी हो जाता है । क्योंकि सच हमेशा एक सा रहता है अडिग । और हमें यह बोध कराता है कि क्या रिश्तों का रंग फीका पड़ गया है या हम अपने अभिमान को हम स्वाभिमान समझने की भूल कर रहे हैं "।