Sunday, 15 January 2017

“भाग्यशाली माँ है , या खुशनसीब हम ” ?



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आज माँ की आवाज कुछ नए एहसासों से भरी हुई थी | माँ आज पूरे दिन व्रत रही है | मेरी अपने बच्चों की कुशलता के लिए | आज माँ की आवाज में मुझे ममत्व और अपनेपन के साथ संतोष और पूरेपन की झलक दिखी | ऐसा नहीं कि आज मै अपनी अटखेलियों से बाज आ गया और माँ से उसकी काल्पनिक बहू के बारे में बातें नहीं की पर आज बातों का सफ़र किसी और रास्ते मुड़ गया |
माँ ने कहा “बड़े इंतजार के बाद तुम मेरी दुनिया में आये हो बेटा ! मै बहुत भाग्यशाली हूँ”| मै बड़ी देर तक सोचता रहा ....कि “भाग्यशाली माँ है , या खुशनसीब हम ” ?
दोस्तों बचपन से सुनता आया हूँ “हमें भगवन ने बनाया है” | इस दुनिया ने अदृश्य भगवान और देवियों के लिए न जाने कितने व्रत और त्यौहार बनाये.. पर इस दृश्य भगवान और देवी के लिए कुछ नहीं ?
माँ –पापा को अपने किसी भी कार्य से कभी निराश मत करना दोस्तों ! हमारे द्वारा उन्हें दी गयी हँसी और खुशी ही सच्चे मायने में उनकी पूजा है |
  –दीपक

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