DEEPAK'S PHOTOGRAPHY |
एक छोटा सा, सुनसान स्टेशन यूँ फर्राटे से गुजरता है तो उसकी गूँज जैसे संदेशा देती है कि हाँ हम बढ़ रहें हैं और हम अगले के इंतजार में जुट जाते हैं । कहते हैं कि कुछ साथी मिल जाएं तो लंबे सफर भी आसान हो जाते हैं, पर ये भी सच है कि खुद के अलावा कोई और मूर्त साथी नही जो हर सफ़र में आपका साथ दे सके । एक तरीका और है क्यूँ न हर सफ़र पर नए दोस्त बना लिए जाएँ ।
बस सतर्कता के साथ थोड़ा विस्वास , ख़ामोशी को तोड़ने की पहल और स्वार्थ से परे थोड़ा अपनापन ही तो चाहिए होता है........... क्यूँ….??
~दीपक
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