बहुत कुछ पीछे छोड़कर भी आगे बढ़ते रहने का नाम है जीवन या कुछ अधजिए, अचानक छूट गए को याद करना, महसूस करना है जीवन l अतीत और वर्तमान का द्वंद्व है जीवन या ओट से हल्के झलकते भविष्य या उसके सपनों को ढोना है जीवन l
जब वर्तमान खुशगवार होता है तो शायद अतीत धुंधला जाता है l लेकिन यह सच स्वीकार ही करना पड़ता है की वह पूरी तरह से कभी खत्म नहीं होता l हल्की ठंडी में गुनगुनी धूप सेंकते हम कुछ अच्छे पलों को याद करके कभी भी मुस्कुरा सकते हैं l सुबह सुबह चाय के कप की गर्मी को हथेलियों के बीच रखे कुछ ठंडे पड़ गए रिश्तों की गर्माहट को महसूस करने की कोशिश कर सकते हैं l अतीत उस शहर में अचानक लौट जाने जैसा होता है जहां आपने कभी वर्षों बिताया हुआ था लेकिन बदलाव और समय के प्रवाह ने आपको उसी अपने और अपनों के शहर में अजनबी बना दिया हो l आप अजनबीयत को ओढ़े बहुत देर तक जानी पहचानी गलियों, चौराहों पर भटकते हैं लेकिन जल्द ही वर्तमान में भाग आने को मजबूर होने लगते हैं l हम photographers की भाषा में एक term है "recreating the moments" l किसी पुरानी फोटो को दिखाकर client अक्सर ये term यूज करते हैं l हम client का दिल रखने को न भले न करें पर हमें अच्छे से पता होता है कि बहुत मेहनत से click और एडिटिंग के बाद भी हम उन पुराने पलों की गर्माहट वर्तमान में नहीं भर सकते वैसे ही जैसे पुरानी डायरी के पन्नो के बीच छिपाकर रखे गुलाब की पंखुड़ियों किसी बीते हुए वक्त के उस रंग, उस खुशबू, उस रोमांच को वापस नहीं कर सकते ...
~दीपक
Kya baat✍️🤘
ReplyDeleteShukriya Bhai 😍
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