Saturday, 14 February 2015

प्यार का दिन..

सुना है आज प्यार का दिन है , प्यार करने वालों का दिन है | बहुत दिनों से प्यार के बारे में कुछ लिखना चाह रहा हूँ ; पर लिख नहीं पा रहा हूँ , हर बार लिखने के बाद अधूरा सा लगता हैं जैसे कुछ छूट गया हो |
कितनी विशाल है प्यार के सीमाएं , न जाने कितनी हैं इसकी परिभाषाएं हैं और न जाने कितने हैं इसके रूप |
बड़ी देर तक खोये रहने के बीच किसी के खयाल से जब चेहरे पर फैली गंभीरता हौले से मुस्कराहट में ब
दल जाती हैं तो लगता है यही है प्यार का एहसास , एक शख्स जिसके सामने से गुजरने मात्र से ही दिल में न जाने कितने कोमल एहसास दिल की धड़कनों को बढ़ा जाते हैं तो लगता है वही है प्यार |
जिसको बड़ी देर तक ख्वाबो में टटोलता हूँ शायद वही है प्यार , बहुतों की भीड़ में जिसकी याद तनहा कर जाती है शायद वही है प्यार |
जवानी के पड़ाव पर जब दो जवान हमउम्र को घन्टों हँसते-मुस्कराते बात करते देखता हूँ तो लगता है यही है प्यार, खुली आँखों से बड़ी देर तक जिसके साथ होने के सपने बुनता हूँ तो लगता है वही है प्यार , जिसकी मुस्कराहट की एक याद पूरे शरीर को रोमांचित कर देती है शायद वही है प्यार |
फ़ोन पर जब एक फिक्रमंद आवाज जब अपनेपन के एहसास से सराबोर करती है तो लगता है यही है प्यार ,अनजानी भीड़ में जब कुछ जाने पहचाने चेहरे हाथ हिलाकर अपनेपन , अपने लगाव का पैगाम भेजते है तो लगता है यही है प्यार .
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कहते है प्यार हमें दीवाना बना देता है , पर प्यार ही हमें अच्छा इन्सान बनाता है , प्यार ही हमें जीने का सलीका सीखाता है.....

दीपक 

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