Wednesday, 18 March 2020

लेकिन किसी जाते हुए को आप कहाँ तक रोकेंगे...

उस वक्त मुझमें ढेर सारा लड़कपन था, जिद थी, उसे हमेशा के लिए खोने का डर था और जज्बातों का गुबार से घिरा मैं; मैं बस किसी तरीके से उसको रोक लेना चाहता था लेकिन किसी जाते हुए को आप कहाँ तक रोकेंगे । पता है किसी  रिश्ते के लिए सबसे बुरा दौर वो होता है जब किसी को अपने सामने वाले से प्यार के लिए याचना करने की नौबत आ जाती है । उस वक्त यह समझना मुश्किल होता है कि सारे अनुनय विनय  के बाद भी, जो जा रहे अब उन्हें जाने देना चाहिए। लोग कहते हैं जो अपने हैं, जो सच में हमें प्यार करते हैं वो एक न एक दिन जरुर लौटकर आयेंगे । हम इस बात को स्वीकार नहीं करना चाहते कि पुराने छूट रहे  हैं तो नए जरूर मिलेंगे, रात का अंधेरा गहरा रहा है तो सुबह भी जरूर होगी । अपने ऊपर भरोसा रखना, अपने दिली जज्बातों पर काबू रखना आसान नहीं होता है लेकिन दुनिया गवाह है वक्त बड़े-बड़े घावों को भी आसानी से भर देता है । 

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