Friday, 21 July 2017

कश्मकश ...

कश्मकश (Confusion) ज़िन्दगी का एक हिस्सा है; ऐसे ही जैसे चलना ।
हर सुबह उठने के बाद अगर आप चलना चाहते हैं तो कहीं न कहीं इनसे मुलाकात पक्की है । कश्मकश मोड़ जैसे होते हैं, जहां आपको फैसले लेने पड़ते है। हर ऐसे मोड़ पर आपको चुनना पड़ता है; कभी दो में एक तो कई बार कइयों में से एक । अपने चुनाव के ऊपर अगर आप पूरी तरह आश्वस्त है तो चलते रहना थोड़ा आसान हो जाता है लेकिन हर बार आप पूरी तरह अपने फैसले से आश्वस्त हो ये भी जरूरी नही है ।
अब दिक्कत ये है कि हम हर मोड़ पर ज्यादा वक्त जाया नही कर सकते ; आश्वस्त भी नहीं हैं और चलते भी रहना है । तो क्यों न ऐसे वक्त में मंजिल को याद करें ..मोड़
खुद -ब-खुद रास्ता सुझाएगा ..
~दीपक

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