गुजरते वक्त के नाम...
बड़ा अजीब लगता है न !
कभी-कभी....
मानो कुछ छूट सा रहा हो
,किसी चीज से हम हमेशा के लिए दूर हो रहे हो | घडी की टिक –टिक के साथ गुजरता वक्त
कुछ यादों कुछ बातों कुछ विचारों को अपने साथ समेटता जा रहा हो | एक सुंदर फूल जो कुछ दिनों से आपकी राह में
हँसता-मुस्कराता मिल रहा हो उसने आज अपने जाने ,मुरझाने के संकेत दे दिए हो | जैसे
किसी जगह पर चंद दिन गुजारने के बाद आज आखिरी दिन हो |
वक्त का काम ही है गुजरना
और गुजरते वक्त पर ही टिकी है जिन्दगी की गति | पर कभी कभी दिल नहीं मानता ...दिल
चाहता है की क्यों न हमारे चहेते पल कुछ वक्त के लिए ठहर जायं | वक्त
ठहरता नहीं पर ये अपने जाने के साथ कुछ एहसास छोड़ जाता है हम सबके के अंदर
|
ऐसे एहसास जो अलग अलग हमारे
दिलो में रहते हुए हमें एक दूसरे से बांधें रखतें हैं |
अपने दिलो में एहसास जगाये
रखना ,
अपने रिश्तों को यूँ ही
बनाये रखना ;
वक्त का काम है चलना ये
चलता रहेगा,
बस अपने चेहरों पर
मुस्कराहट बनाये रखना |
विचार –दीपक
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